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शुक्रवार, 19 मार्च 2021
Brahmi health benefits
ब्राह्मी (Brahmi)
विवरण
ब्राह्मी (Brahmi for Health)
ब्राह्मी एक आयुर्वेदिक जड़ी- बूटी है, जिसका प्रयोग प्राचीनकाल से किया जा रहा है। इसका रंग हरा व सफ़ेद, स्वाद फीका तथा तासीर ठंडी होती है। ब्राह्मी का पौधा जमीन पर फैला हुआ होता है, जिसका तना और पत्तियां मुलायम, गूदेदार होते हैं।
आयुर्वेद की दृष्टि से ब्राह्मी बहुत ही महत्त्वपूर्ण औषधि मानी गई है। ब्राह्मी का वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी (Bacopa Monnieri) है। इसमें हायड्रोकोटिलिन, एशियाटिकोसाइड, एल्केलाइड, सेपोनिन व अन्य पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो बौद्धिक विकास, स्मरण शक्ति के अलावा कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- कब्ज, गठिया, रक्त शुद्ध, हृदय समस्या दूर करने में फायदेमंद होते हैं।
फायदे
इन समस्याओं में फायदेमंद है ब्राह्मी (Benefits of Brahmi for Health)
कब्ज (Constipation):- ब्राह्मी में पाये जाने वाले औषधीय गुण कब्ज की परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से ब्राह्मी का सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है। इसके अलावा ब्राह्मी में कई रक्तशोधक गुण भी होते हैं, जो पेट से संबंधित समस्या से बचाव करते हैं।
अनिद्रा (Insomnia):- जो व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या से परेशान हैं, उन्हें ब्राह्मी इस्तेमाल करना चाहिए। रोजाना सोने से एक घंटा पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच ब्राह्मी चूर्ण मिलाकर पीने से व्यक्ति तनावमुक्त होता है और नींद अच्छी आती है।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure):- ब्राह्मी में मौजूद औषधीय गुण रक्तचाप को संतुलित रखते हैं। यदि कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप की वजह से परेशान है तो उसे ब्राह्मी की ताजी पत्तियों का रस शहद में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
खांसी और बुखार (Cold and Fever):- ब्राह्मी, शंखपुष्पी, बादाम, छोटी या सफ़ेद इलायची- चूर्ण एक समान मात्रा में लेकर पानी में घोलकर छान लें। इस पानी में मिश्री मिलाकर रोजाना सुबह- शाम आधा- आधा गिलास पीएं। इससे खांसी, जुकाम, बुखार आदि से राहत मिलती है।
बालों की समस्या (Hair Problem):- यदि आप बालों से जुड़ी किसी समस्या से परेशान है तो पंचांग चूर्ण (ब्राह्मी के पांच भागों का चूर्ण) का एक चम्मच की मात्रा में रोजाना सेवन करने से बालों का झड़ना, रूसी, कमजोर बाल आदि परेशानी दूर होती हैं।
हृदय की समस्या (Heart Disease):- ब्राह्मी में ब्राहमीन एल्केलाइड (Brahmin Alkaloid) गुण मौजूद होता है, जो हृदय यानि दिल के लिए फायदेमंद साबित होता है। यदि ब्राह्मी का नियमित रुप से सेवन किया जाए तो सारी उम्र हृदय यानि दिल से जुड़ी बीमारी नहीं हो सकती।
मिर्गी के दौरे (Epilepsy Disease):- मिर्गी की बीमारी होने पर रोगी को ब्राह्मी की जड़ का रस या या ब्राह्मी चूर्ण का सेवन दिन में 3 दूध के साथ करवाएं। ऐसा करने से रोगी को लाभ मिलेगा और मिर्गी के दौरे आना बंद हो जाएंगे।
दांत दर्द (Tooth Ache):- ब्राह्मी का इस्तेमाल, दांत दर्द जैसी परेशानी में भी किया जाता है। आधा गिलास पानी में आधा चम्मच ब्राह्मी डालकर गर्म करके रख लें। इस पानी से रोजाना दिन में दो बार कुल्ला करें। ऐसा करने से दांतों के दर्द से छुटकारा मिलता है।
एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant):- ब्राह्मी का उपयोग बौद्धिक विकास बढ़ाने के लिए प्राचीनकाल से किया जा रहा है। ब्राह्मी में कई एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं इसलिए ब्राह्मी रस या इसके 7 पत्तों का रोजाना सेवन करना चाहिए।
एकाग्रता बढ़ाए (Increase Concentration):- एकाग्रता की कमी के कारण अक्सर बच्चों का ध्यान पढ़ाई से दूर भागता है। ऐसे में दूध के साथ ब्राह्मी चूर्ण का रोजाना सेवन करने से बच्चों में एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है, जिसके फलस्वरूप बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगता है।
कार्यक्षमता बढ़ाए (Increase Efficiency):- ब्राह्मी का सबसे ज्यादा प्रभाव मुख्य रूप से मस्तिष्क पर होता है। यह मस्तिष्क के लिए एक चमत्कारी औषधि है, मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करती है। लगातार काम करने से थकावट हो जाने पर कार्यक्षमता अक्सर कम हो जाती है। इससे बचने के लिए ब्राह्मी रस या ब्राह्मी चूर्ण का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक तनाव, थकावट या सुस्ती कम होती है और कार्य क्षमता बढ़ती है।
सावधानी
ब्राह्मी से सावधानियां (Full Information for Precautions of Brahmi in Hindi)
ब्राह्मी का अधिक सेवन करना खतरनाक हो सकता है। ऐसा करने से सिरदर्द, घबराहट, खुजली, चक्कर, बेहोशी, त्वचा का लाल होना आदि समस्याएं हो सकती है। इसलिए ब्राह्मी का सेवन सावधानी पूर्वक करें। यदि कभी ब्राह्मी के अधिक सेवन से समस्या होती है, तो इसके दुष्प्रभाव को करने के लिए सूखे धनिये का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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