पुदीना (About Pudina)
विवरण
पुदीना (Peppermint) को वैज्ञानिक रूप से मेंथा के रूप में जाना जाता है। पुदीना (Pudina) की दो दर्जन से अधिक प्रजातियां हैं और सैकड़ों किस्म की वैरायटी हैं। सभी प्रकार की मिंट (स्वीट मिंट, स्पीयर मिंट, पिप्पर मिंट और चॉकलेट मिंट) बड़ी तेजी से बढ़ने वाली और फैलने वाली मिंट हैं। मिंट को पीएच 6.0 से 7.0 वैल्यू वाली सॉइल में उगाया जाता है। मिंट की कुछ वैरायटी खुद ही हाइब्रिड होती है।
मिंट एक तेज एरोमा वाला पौधा है जिसका तना स्काउर शेप का और पत्तियां एक दूसरे से अपोजिट डायरेक्शन में होती हैं। पत्तियों का रंग गाढ़ा हरा (dark green), सिलेटी हरा (gray green), बैंगनी (purple), नीला(blue) और सूखने के बाद पीला (pale yellow) हो जाता है।
मिंट का पौधा 10 से 120 सेंटीमीटर तक बढ़ता है और इसके फूलों का रंग सफ़ेद से पर्पल तक होता है। आजकल बाजार में मिंट के टूथ पेस्ट, च्युइंगम, Breath Freshener, कैंडी और इन्हेलर आदि प्रोडक्ट मौजूद हैं।
फायदे
1. पाचन- पुदीना (Pudina) पाचन क्रिया को ठीक करता है। यदि किसी कारण से आप पेट में असहज महसूस कर रहे हैं तो, पुदीना से बनी एक कप चाय आपको राहत देगी।
2. उल्टी और सिरदर्द- मिंट की तेज और ताज़ा खुशबू और इससे निकाला गया मेन्थॉल तेल, लंबी दूरी की यात्रा में उल्टी और जी मिचलाने की समस्या में बहुत राहत देता है। सिर दर्द होने पर भी मिंट से बने बाम या तेल को माथे और नाक पर लगाने से सिर दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
3. सांस की बीमारी और खांसी- मिंट की तेज खुशबू अस्थमा और सर्दी से होने वाली सांस की बीमारियों में राहत देती है, जो नाक, गला और फेफड़ों में आराम देती है।
4. स्तनपान- कई महिलाओं के लिए, स्तनपान एक बच्चे को पालने के दौरान का एक खूबसूरत हिस्सा है, लेकिन कई बार इससे स्तन और निपल्स को नुकसान पहुंचा सकता है। अध्ययन से पता चलता है कि मिंट के तेल को हर बार स्तनपान कराने के बाद स्तन और निप्पल पर लगाएं यह निप्पल की दरारों और निपल दर्द को कम कर सकता है।
5. अवसाद और थकान- मिंट एक प्राकृतिक उत्तेजक है। इसकी खुशबू से ही हमारा दिमाग फिर से उच्च स्तर पर कार्य करने के लिए तैयार हो जाता है। आप सुस्त, उदास, या थकावट महसूस करें तो आसान तरीके से अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए रात में अपने तकिये पर मेन्थॉल तेल की कुछ बूंदें डालकर सोने के बाद यह शरीर और मन दोनों को रिलैक्स करता है।
6. मुहांसों में राहत- मिंट एक अच्छा एंटीसेप्टिक है। यह संक्रमण और खुजली से राहत देता है जिससे मुहांसों से राहत मिलती है।
7. याददाश्त- मिंट को याददाश्त के लिए भी बेहतर बताया गया है। एक शोध में मिंट च्युइंगम चबाने वाले लोगों की यादाश्त और मानसिक सतर्कता च्युइंगम न चबाने वालों से बेहतर पायी गई।
8. वजन घटाने में कारगर- पुदीना का इस्तेमाल वजन कम करने में भी किया जा सकता है और यह प्रभावी भी है। अपने खाने में विभिन्न रूपों में पुदीना का इस्तेमाल करके जमी हुई वसा को कम किया जा सकता है।
9. ओरल केयर- मुंह के स्वास्थ्य में सुधार में भी पुदीना के बहुत लाभ है। इसमें मौजूद कीटाणुनाशक साँसों को तरोताजा कर देते हैं। यह मुँह के अंदर बनने वाले हानिकारक बैक्टेरिया के बढ़ने को भी रोकता है। पुदीना की पत्तियों को मसूड़ों और दांतों पर सीधे भी लगाया जा सकता है। पुदीना के लाभ को देखते हुए ही टूथपेस्ट, माउथ वाश और दांतो की सफाई वाले अन्य प्रोडक्ट में मिंट का इस्तेमाल किया जाता है। आप मिंट के पत्तों को मुँह में रखकर चबा भी सकते है।
10. कैंसर- एक शोध के अनुसार, पुदीना के पत्ते कैंसर को भी होने से रोकते हैं।
अन्य लाभ-
पुदीना का इस्तेमाल आइसक्रीम और चॉकलेट, जैसे खाद्य पदार्थों में, कई तरह के अल्कोहलिक और नॉन अल्कोहलिक पेय पदार्थों में, ब्यूटी प्रोडक्ट में, दवाइयों में, इनहेलर और Breath Freshner के साथ ही खाना बनाने में फ्लेवर देने और सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पुदीने की चटनी और कॉकटेल तो लोगों की पसंद में शुमार हैं।
सावधानी
अति किसी चीज़ की भी नुकसानदायक होती है। यही बात पुदीना यानी मिंट पर भी लागू होती है।
- पुदीना के अधिक सेवन से त्वचा में जलन हो सकती है।
- त्वचा पर लाल चकत्ते भी पड़ सकते हैं।
- मिंट का ज्यादा सेवन सिर दर्द का कारण हो सकता है।
- छोटे बच्चों के चेहरे या आस पास मिंट का ज्यादा इस्तेमाल न करें, सांस संबंधी परेशानी हो सकती है।
- प्रेग्नेंट और दूध पिला रही महिलाओं को भी मिंट का इस्तेमाल नही करना चाहिए।
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