गर्भावस्था में खान-पान की अतिरिक्त जरूरत को पूरा करता है सुबह का आहार
गर्भवती होने के बाद महिला को 300 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है। इसके लिए महिला को खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अतिरिक्त कैलोरी को पूरा करने में सुबह का नाश्ता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नाश्ता रात के खाने के बाद पहला आहार होता है। गर्भवती महिला को नाश्ता 7 बजे से पहले कर लेना चाहिए।
सुबह का नाश्ता न केवल स्वस्थ गर्भावस्था में मदद करता है, बल्कि यदि आप नियमित रूप से हेल्दी ब्रेकफास्ट कर रही हैं तो गर्भावस्था की जटिलतायें भी कम होती है। सुबह का नाश्ता करने से तनाव और थकान नही होती और दिनभर आप खुद को तरोताजा महसूस करती हैं। इसके लिए साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद, फल और सब्जियां खायें।
गर्भावस्था में सुबह का आहार
दूध और डेयरी उत्पाद
गर्भवती महिला सुबह के नाश्ते में डेयरी उत्पाद का सेवन करना चाहिए। सुबह के नाश्ते में स्नैक्स के साथ एक गिलास दूध लेना फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा स्किम्ड दूध, दही, छाछ, पनीर आदि का सेवन कर सकती हैं। डेयरी उत्पादों में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन बी-12 होता है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है।
फल और जूस
गर्भावस्था के दौरान नाश्ते में फल और जूस लीजिए। लेकिन आप कोशिश यह कीजिए कि ताजे फलों का ही जूस पियें, डिब्बाबंद जूस पीने से बचें। फलों में कैल्शियम, प्रोटीन, सिलिकॉन मौजूद होता है। यह आसानी से पचता है, और जूस पीने से शरीर दिनभर ऊर्जावान रहता है। जूस पीने से पानी की कमी भी दूर होती है। सेब, संतरा, अनार, मौसमी आदि का सेवन फायदेमंद है।
साबुत अनाज
साबुत अनाज में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर जैसे तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए सुबह के नाश्तें में साबुत अनाज का सेवन करें। दालें, ब्राउन राइस, दलिया, कॉर्न आदि का सेवन सुबह के आहार में किया जा सकता है। गेंहू को पीसकर खा सकती हैं, इसमें ढेर सारा रेसा और विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स होता है। ब्राउन राइस में फाइबर, मैग्नीशियम जैसे अन्य एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं।
अंडा या ऑमलेट
गर्भवती महिलायें नाश्ते में अंडा या अंडा का ऑमलेट ले सकती हैं। पालक के साथ भी ऑमलेट ले सकती हैं। गर्भावस्था में पालक बहुत ही पसंदीदा नाश्ता है, इससे 41 कैलोरी के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फोलिक एसिड मिलता है जो गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी है।
फलों-सब्जियों का सलाद
इससे अच्छी क्या होगी कि आप जिस खाने से दिन की शुरूआत कर रही हैं उसमें सारे पौष्टिक तत्व मौजूद हों, सभी खाद्य-पदार्थ के साथ संभव नहीं है, लेकिन सलाद आपकी यह शर्त पूरी कर सकता है। सलाद हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी और मिर्च से बना सकती हैं। सलाद विटामिन बी-12 का अच्छा स्रोत है। इसमें मूड अच्छा करने वाले सेरोटोनिन और डोपामाइन रसायन मिलते हैं, जिसकी कमी से थकावट ओर झुंझलाहट होती है।
ढेर सारा पानी
गर्भवस्था के दौरान खूब सारा पानी पियें, साफ और फिल्टर्ड पानी का ही सेवन करें। इसके लिए पानी को उबाल लें या फिल्टर्ड कर लें। घर से बाहर अगर पानी पियें तो एक प्रतिष्ठित ब्रांड का बोतल बंद पानी पीना ही पियें। क्योंकि अधिकांश रोग जलजनित वायरस की वजह से होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान करें संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन
स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर हमेशा पौष्टिक आहार लेने की सलाह देते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान आहार का खास खयालरखना आवश्यक हो जाता है। जिससे जच्चा-बच्चा दोनों ही हष्ट्-पुष्ट रहें। अक्सर गर्भवती महिलाओं के साथ ये समस्या रहती हैं कि वे गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं।
लगभग हर गर्भवती को अक्सर एक डर सताता है कि कहीं कुछ उल्टा-पुल्टा खाने से उन्हें कोई खतरा तो नहीं। महिलाओं की इसी परेशानी को दूर करने के लिए आइए आज हम आपको बताते हैं गर्भवती स्त्रियों का दैनिक आहार क्या होना चाहिए।
गर्भवती का खान-पान
गर्भावस्था के दौरान आहार संतुलित तो होना ही चाहिए साथ ही आपके खाने में प्रोटीन, आयरन और विटामिन आदि भरपूर मात्रा में होना चाहिए। साथ ही गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों में आयरन और फोलिक एसिड की गोली लेना भी जरूरी होता है।
सामान्य महिला को अपने दैनिक आहार में 2100 कैलोरी की जरूरत होती है, जबकि गर्भवती महिला को 2500 कैलोरी की जरूरत होती है। 10 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से तथा 35 प्रतिशत कैलोरी फैट यानी तेल, घी और मक्खन से तथा 55 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से मिलनी चाहिए।
नाश्ता अधिक देर से न करें, सुबह उठने के कुछ समय पश्चात ही नाश्ता कर लें। साथ ही दाल, चावल, सब्जियां, रोटी और फलों को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
दैनिक आहार में हरी सब्जि़यां, दूध, उबला भोजन, अंकुरित चना, अंडे को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है। जब मां पौष्टिक खाना खाएगी तभी तो बच्चा भी स्वस्थ होगा।
गर्भवती महिलाओं को खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में अजवाइन अवश्य लेना चाहिए। इससे मिचली नहीं आती और खाना जल्दी हजम होता है।
यदि गर्भधारण के दौरान सुबह अक्सर आपका जी मिचलाता है तो आपको खूब पानी पीना चाहिए। खाना थोड़ा-थोड़ा कई बार खाएं साथ ही अच्छी नींद लें जिससे मां और होने वाला शिशु दोनों ही स्वस्थ रहें।
दलिया या साबुत अनाज से बनी रोटियां भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए। मैदे का उपयोग कम से कम करें।
गर्भावस्था में छाछ पीना लाभकारी हो सकता है। लेकिन आपको दही के उत्पादों से एलर्जी है तो छाछ न लें।
गर्भवती महिलाओं को बादाम, अखरोट जैसे कुछ मेवे अवश्य लेना चाहिए। ये न सिर्फ कमजोरी दूर करते हैं बल्कि इनके सेवन से मां और होने वाले बच्चे दोनों का मस्तिष्क भी तेज होता है।
सब्जियों को मेथी का तड़का देकर बनाएं। मेथी के सेवन से गर्भाशय शुद्ध रहता है और भूख अधिक लगती है।
बढ़ता हुए गर्भस्थ शिशु अपनी सभी जरूरतें मां द्वारा लिए आहार से पूरी करता है। क्योंकि आहार से गर्भवती महिला की लौह तत्वों की आपूर्ति नहीं हो पाती, इसलिए आयरन फोलिक एसिड की गोलियां खाना जरूरी होता है। साथ ही फोलिक एसिड कई तरह के आहार में विटामिन बी के रूप में विद्यमान होता है।
दूध में मुनक्का उबालकर पहले मुनक्का खायें फिर दूध पी जायें। इससे कब्ज की शिकायत नहीं होगी साथ ही हीमोग्लोबीन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
पत्तागोभी खायें क्योंकि इसमें क्षारीय तत्व होते हैं जो रक्त शोधन करते हैं। इसकी सब्जी या कच्चा सलाद अवश्य लें।
गर्भवती महिलाओं को नमक कम से कम खाना चाहिए इससे रक्तचाप नॉर्मल रहता है।
इसके अलावा डॉक्टर से खाने-पीने की उचित जानकारी ले लेना बेहतर होता है जिससे मां और बच्चे दोनों में किसी तरह की कोई बीमारी या कमजोरी न पनप पाएं।
क्या प्रेग्नेंसी में मांसाहारी भोजन खाना चाहिये
प्रेग्नेंट होने पर आपको ढेरों बधाई। लेकिन, अब आपको जरूरत है अपने आहार का ध्यान रखने की। क्या खाना है और क्या नहीं। क्या मैं नॉन-वेज खाऊं या नहीं। क्या मुझे पूरी तरह वेजिटेरियन रहना चाहिए। इसे लेकर कई महिलायें दुविधा में रहती हैं।
मांसाहारी भोजन में सब्जियों और फलों की तुलना में ज्यादा आयरन होता है। यदि आपको नॉन वेज खाने में कोई दिक्कत नहीं है तो यह आपके और आपके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिये अच्छा होगा। यदि आपके शरीर में आयरन पहले से ही उचित मात्रा में मौजूद है तो आप नॉनवेज का इस्तेमाल 10 से 11 हफ्तों में भी कर सकती हैं।
नॉनवेज खाने में आपके लिए मछली का सेवन सबसे अच्छा रहेगा। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है और यह गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग के लिये बहुत ही फायदेमंद हैं। हालांकि ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिये आप भोजन में अलसी के बीजों का भी यूज कर सकती हैं, लेकिन इसके लिये मछली के सेवन से बेहतर कुछ नहीं।
गर्भावस्था के दौरान आपको आम दिनों की ही तरह ही हेल्दी खाना खाना चाहिये। महिलाएं अपनी और गर्भस्थ शिशु की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने से खुशी का अनुभव करती है। इसलिए नॉन वेज उन सभी जरूरतों को पूरा करता है जो आपको और आपके नन्हें मेहमान के लिये जरूरी हैं।
इस दौरान आपकी दिनभर की दिनचर्या में ब्रेकफास्ट, पास्ता, चावल और रोटी सभी कुछ होना चाहिये। यदि आप नॉनवेज हैं तो आपको प्रोटीन युक्त फल और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए। आपको खाने से संबंधित सभी चीजें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नियमित अंतराल पर लेनी चाहिये। एक बार में ज्यादा खाना आपको नुकसान दे सकता है। इस लेख में हम बात करते हैं ऐसी कुछ नॉन वेज डिश की जिन्हें आप प्रोटीन और आयरन के लिए यूज कर सकती है।
चिकन स्वीट कोर्न सूप
चिकन स्वीट कोर्न सूप प्रोटीन के लिये बहुत ही अच्छा विकल्प है। इसे तैयार करने के लिये आपको 250 ग्राम बोन लैस चिकन, आधा कप स्वीट कोर्न क्रीम की जरूरत पड़ेगी।
स्टीम्ड लैमन फिश सैलड
स्टीम्ड लैमन फिश सैलड में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा के साथ ही आयरन और विटामिन सी होता है। यह गर्भावस्था के दौरान आपके और आपके यहां आने वाले नन्हें मेहमान के लिये फायदेमंद रहेगा। इसे तैयार करने के लिये 300 ग्राम बिना हड्डी वाली मछली, 2 हरी मिर्च, नींबू का रस और धनिया पत्ती चाहिये।
फिश फिंगर
फिश फिंगर को आप अपनी दिनचर्या में स्नैक्स की तरह यूज कर सकती हैं। इसमें न केवल प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा है बल्कि विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ ही कैल्शियम भी है। इसे तैयार करने के लिये आपको 300 ग्राम बोन लैस फिश के पीस, धनिया पत्ती, नींबू का रस, जीरा पाउडर और फैट किया हुआ छोटे अंडे की जरूरत होगी।
चिकन टिक्का चाट
चिकन टिक्का चाट को भी आप फिश फिंगर की ही तरह बतौर स्नैक्स यूज कर सकती हैं। इसमें कैल्शिम, आयरन, फाइबर और विटामिन सी की भरपूर मात्रा है।
स्पाइसी स्पागेटी और मीटबॉल्स
इसका इस्तेमाल आप अपने खाने के दौरान कर सकती हैं। स्पाइसी स्पागेटी और मीटबॉल्स का सेवन आपको प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी सब कुछ देगा। इसे तैयार करने केक लिये 150 ग्राम स्पागेटी, 300 ग्राम मटन, मशरूम, प्याज, अदरक, दूध, अंडा और मिर्ची पाउडर की जरूरत होगी।
चिकन पीस पुलाव
चिकन पीस पुलाव में विटामिन ए, सी और के (K) के साथ ही फोलेट भी उचित मात्रा में होता है। टेस्टी चिकन पीस पुलाव का सेवन आप अपने भोजन में करें। इसे तैयार करने के लिये आपको 250 ग्राम चिकन पीस, आधा कप बासमती चावल, आधा कप मटर, प्याज, जीरा, लौंग, इलायची और दालचीनी की जरूरत होगी।
गर्भवती होने के बाद महिला को 300 अतिरिक्त कैलोरी की आवश्यकता होती है। इसके लिए महिला को खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अतिरिक्त कैलोरी को पूरा करने में सुबह का नाश्ता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नाश्ता रात के खाने के बाद पहला आहार होता है। गर्भवती महिला को नाश्ता 7 बजे से पहले कर लेना चाहिए।
सुबह का नाश्ता न केवल स्वस्थ गर्भावस्था में मदद करता है, बल्कि यदि आप नियमित रूप से हेल्दी ब्रेकफास्ट कर रही हैं तो गर्भावस्था की जटिलतायें भी कम होती है। सुबह का नाश्ता करने से तनाव और थकान नही होती और दिनभर आप खुद को तरोताजा महसूस करती हैं। इसके लिए साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद, फल और सब्जियां खायें।
गर्भावस्था में सुबह का आहार
दूध और डेयरी उत्पाद
गर्भवती महिला सुबह के नाश्ते में डेयरी उत्पाद का सेवन करना चाहिए। सुबह के नाश्ते में स्नैक्स के साथ एक गिलास दूध लेना फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा स्किम्ड दूध, दही, छाछ, पनीर आदि का सेवन कर सकती हैं। डेयरी उत्पादों में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन बी-12 होता है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है।
फल और जूस
गर्भावस्था के दौरान नाश्ते में फल और जूस लीजिए। लेकिन आप कोशिश यह कीजिए कि ताजे फलों का ही जूस पियें, डिब्बाबंद जूस पीने से बचें। फलों में कैल्शियम, प्रोटीन, सिलिकॉन मौजूद होता है। यह आसानी से पचता है, और जूस पीने से शरीर दिनभर ऊर्जावान रहता है। जूस पीने से पानी की कमी भी दूर होती है। सेब, संतरा, अनार, मौसमी आदि का सेवन फायदेमंद है।
साबुत अनाज
साबुत अनाज में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर जैसे तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए सुबह के नाश्तें में साबुत अनाज का सेवन करें। दालें, ब्राउन राइस, दलिया, कॉर्न आदि का सेवन सुबह के आहार में किया जा सकता है। गेंहू को पीसकर खा सकती हैं, इसमें ढेर सारा रेसा और विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स होता है। ब्राउन राइस में फाइबर, मैग्नीशियम जैसे अन्य एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं।
अंडा या ऑमलेट
गर्भवती महिलायें नाश्ते में अंडा या अंडा का ऑमलेट ले सकती हैं। पालक के साथ भी ऑमलेट ले सकती हैं। गर्भावस्था में पालक बहुत ही पसंदीदा नाश्ता है, इससे 41 कैलोरी के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फोलिक एसिड मिलता है जो गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी है।
फलों-सब्जियों का सलाद
इससे अच्छी क्या होगी कि आप जिस खाने से दिन की शुरूआत कर रही हैं उसमें सारे पौष्टिक तत्व मौजूद हों, सभी खाद्य-पदार्थ के साथ संभव नहीं है, लेकिन सलाद आपकी यह शर्त पूरी कर सकता है। सलाद हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी और मिर्च से बना सकती हैं। सलाद विटामिन बी-12 का अच्छा स्रोत है। इसमें मूड अच्छा करने वाले सेरोटोनिन और डोपामाइन रसायन मिलते हैं, जिसकी कमी से थकावट ओर झुंझलाहट होती है।
ढेर सारा पानी
गर्भवस्था के दौरान खूब सारा पानी पियें, साफ और फिल्टर्ड पानी का ही सेवन करें। इसके लिए पानी को उबाल लें या फिल्टर्ड कर लें। घर से बाहर अगर पानी पियें तो एक प्रतिष्ठित ब्रांड का बोतल बंद पानी पीना ही पियें। क्योंकि अधिकांश रोग जलजनित वायरस की वजह से होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान करें संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन
स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर हमेशा पौष्टिक आहार लेने की सलाह देते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान आहार का खास खयालरखना आवश्यक हो जाता है। जिससे जच्चा-बच्चा दोनों ही हष्ट्-पुष्ट रहें। अक्सर गर्भवती महिलाओं के साथ ये समस्या रहती हैं कि वे गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं।
लगभग हर गर्भवती को अक्सर एक डर सताता है कि कहीं कुछ उल्टा-पुल्टा खाने से उन्हें कोई खतरा तो नहीं। महिलाओं की इसी परेशानी को दूर करने के लिए आइए आज हम आपको बताते हैं गर्भवती स्त्रियों का दैनिक आहार क्या होना चाहिए।
गर्भवती का खान-पान
गर्भावस्था के दौरान आहार संतुलित तो होना ही चाहिए साथ ही आपके खाने में प्रोटीन, आयरन और विटामिन आदि भरपूर मात्रा में होना चाहिए। साथ ही गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों में आयरन और फोलिक एसिड की गोली लेना भी जरूरी होता है।
सामान्य महिला को अपने दैनिक आहार में 2100 कैलोरी की जरूरत होती है, जबकि गर्भवती महिला को 2500 कैलोरी की जरूरत होती है। 10 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से तथा 35 प्रतिशत कैलोरी फैट यानी तेल, घी और मक्खन से तथा 55 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से मिलनी चाहिए।
नाश्ता अधिक देर से न करें, सुबह उठने के कुछ समय पश्चात ही नाश्ता कर लें। साथ ही दाल, चावल, सब्जियां, रोटी और फलों को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
दैनिक आहार में हरी सब्जि़यां, दूध, उबला भोजन, अंकुरित चना, अंडे को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है। जब मां पौष्टिक खाना खाएगी तभी तो बच्चा भी स्वस्थ होगा।
गर्भवती महिलाओं को खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में अजवाइन अवश्य लेना चाहिए। इससे मिचली नहीं आती और खाना जल्दी हजम होता है।
यदि गर्भधारण के दौरान सुबह अक्सर आपका जी मिचलाता है तो आपको खूब पानी पीना चाहिए। खाना थोड़ा-थोड़ा कई बार खाएं साथ ही अच्छी नींद लें जिससे मां और होने वाला शिशु दोनों ही स्वस्थ रहें।
दलिया या साबुत अनाज से बनी रोटियां भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए। मैदे का उपयोग कम से कम करें।
गर्भावस्था में छाछ पीना लाभकारी हो सकता है। लेकिन आपको दही के उत्पादों से एलर्जी है तो छाछ न लें।
गर्भवती महिलाओं को बादाम, अखरोट जैसे कुछ मेवे अवश्य लेना चाहिए। ये न सिर्फ कमजोरी दूर करते हैं बल्कि इनके सेवन से मां और होने वाले बच्चे दोनों का मस्तिष्क भी तेज होता है।
सब्जियों को मेथी का तड़का देकर बनाएं। मेथी के सेवन से गर्भाशय शुद्ध रहता है और भूख अधिक लगती है।
बढ़ता हुए गर्भस्थ शिशु अपनी सभी जरूरतें मां द्वारा लिए आहार से पूरी करता है। क्योंकि आहार से गर्भवती महिला की लौह तत्वों की आपूर्ति नहीं हो पाती, इसलिए आयरन फोलिक एसिड की गोलियां खाना जरूरी होता है। साथ ही फोलिक एसिड कई तरह के आहार में विटामिन बी के रूप में विद्यमान होता है।
दूध में मुनक्का उबालकर पहले मुनक्का खायें फिर दूध पी जायें। इससे कब्ज की शिकायत नहीं होगी साथ ही हीमोग्लोबीन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
पत्तागोभी खायें क्योंकि इसमें क्षारीय तत्व होते हैं जो रक्त शोधन करते हैं। इसकी सब्जी या कच्चा सलाद अवश्य लें।
गर्भवती महिलाओं को नमक कम से कम खाना चाहिए इससे रक्तचाप नॉर्मल रहता है।
इसके अलावा डॉक्टर से खाने-पीने की उचित जानकारी ले लेना बेहतर होता है जिससे मां और बच्चे दोनों में किसी तरह की कोई बीमारी या कमजोरी न पनप पाएं।
क्या प्रेग्नेंसी में मांसाहारी भोजन खाना चाहिये
प्रेग्नेंट होने पर आपको ढेरों बधाई। लेकिन, अब आपको जरूरत है अपने आहार का ध्यान रखने की। क्या खाना है और क्या नहीं। क्या मैं नॉन-वेज खाऊं या नहीं। क्या मुझे पूरी तरह वेजिटेरियन रहना चाहिए। इसे लेकर कई महिलायें दुविधा में रहती हैं।
मांसाहारी भोजन में सब्जियों और फलों की तुलना में ज्यादा आयरन होता है। यदि आपको नॉन वेज खाने में कोई दिक्कत नहीं है तो यह आपके और आपके गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिये अच्छा होगा। यदि आपके शरीर में आयरन पहले से ही उचित मात्रा में मौजूद है तो आप नॉनवेज का इस्तेमाल 10 से 11 हफ्तों में भी कर सकती हैं।
नॉनवेज खाने में आपके लिए मछली का सेवन सबसे अच्छा रहेगा। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है और यह गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग के लिये बहुत ही फायदेमंद हैं। हालांकि ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिये आप भोजन में अलसी के बीजों का भी यूज कर सकती हैं, लेकिन इसके लिये मछली के सेवन से बेहतर कुछ नहीं।
गर्भावस्था के दौरान आपको आम दिनों की ही तरह ही हेल्दी खाना खाना चाहिये। महिलाएं अपनी और गर्भस्थ शिशु की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने से खुशी का अनुभव करती है। इसलिए नॉन वेज उन सभी जरूरतों को पूरा करता है जो आपको और आपके नन्हें मेहमान के लिये जरूरी हैं।
इस दौरान आपकी दिनभर की दिनचर्या में ब्रेकफास्ट, पास्ता, चावल और रोटी सभी कुछ होना चाहिये। यदि आप नॉनवेज हैं तो आपको प्रोटीन युक्त फल और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए। आपको खाने से संबंधित सभी चीजें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नियमित अंतराल पर लेनी चाहिये। एक बार में ज्यादा खाना आपको नुकसान दे सकता है। इस लेख में हम बात करते हैं ऐसी कुछ नॉन वेज डिश की जिन्हें आप प्रोटीन और आयरन के लिए यूज कर सकती है।
चिकन स्वीट कोर्न सूप
चिकन स्वीट कोर्न सूप प्रोटीन के लिये बहुत ही अच्छा विकल्प है। इसे तैयार करने के लिये आपको 250 ग्राम बोन लैस चिकन, आधा कप स्वीट कोर्न क्रीम की जरूरत पड़ेगी।
स्टीम्ड लैमन फिश सैलड
स्टीम्ड लैमन फिश सैलड में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा के साथ ही आयरन और विटामिन सी होता है। यह गर्भावस्था के दौरान आपके और आपके यहां आने वाले नन्हें मेहमान के लिये फायदेमंद रहेगा। इसे तैयार करने के लिये 300 ग्राम बिना हड्डी वाली मछली, 2 हरी मिर्च, नींबू का रस और धनिया पत्ती चाहिये।
फिश फिंगर
फिश फिंगर को आप अपनी दिनचर्या में स्नैक्स की तरह यूज कर सकती हैं। इसमें न केवल प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा है बल्कि विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ ही कैल्शियम भी है। इसे तैयार करने के लिये आपको 300 ग्राम बोन लैस फिश के पीस, धनिया पत्ती, नींबू का रस, जीरा पाउडर और फैट किया हुआ छोटे अंडे की जरूरत होगी।
चिकन टिक्का चाट
चिकन टिक्का चाट को भी आप फिश फिंगर की ही तरह बतौर स्नैक्स यूज कर सकती हैं। इसमें कैल्शिम, आयरन, फाइबर और विटामिन सी की भरपूर मात्रा है।
स्पाइसी स्पागेटी और मीटबॉल्स
इसका इस्तेमाल आप अपने खाने के दौरान कर सकती हैं। स्पाइसी स्पागेटी और मीटबॉल्स का सेवन आपको प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी सब कुछ देगा। इसे तैयार करने केक लिये 150 ग्राम स्पागेटी, 300 ग्राम मटन, मशरूम, प्याज, अदरक, दूध, अंडा और मिर्ची पाउडर की जरूरत होगी।
चिकन पीस पुलाव
चिकन पीस पुलाव में विटामिन ए, सी और के (K) के साथ ही फोलेट भी उचित मात्रा में होता है। टेस्टी चिकन पीस पुलाव का सेवन आप अपने भोजन में करें। इसे तैयार करने के लिये आपको 250 ग्राम चिकन पीस, आधा कप बासमती चावल, आधा कप मटर, प्याज, जीरा, लौंग, इलायची और दालचीनी की जरूरत होगी।
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