बुधवार, 22 अप्रैल 2020

Garbh dharan ke baad kya khana chahiye part-1

नयी मां के लिए कैसा हो आहार

डि‍लीवरी के बाद महिलाएं एक प्‍यारे से बच्‍चे की मां बन जाती है लेकिन अक्‍सर अपने आकर्षण और गर्भावस्‍था के दौरान बढ़ें अतिरिक्त वजन के साथ खुद को फिट नहीं पाती हैं। बेशक, आपके बच्चे ने आपके जीवन को सुंदर बना दिया है, लेकिन आप अपने आपको अपने गर्भावस्था-पूर्व के कपड़ों में फिट हो कर स्वयं को खूबसूरत महसूस करना चाहती हैं। तो इसे धीमी गति से लें।

गर्भावस्था के बाद वजन कम करना और फिट होना एक क्रमिक प्रक्रिया होनी चाहिए कहीं ऐसा न हो कि आपका बच्चा किसी भी तरह से प्रभावित हो। आपको आहार, व्यायाम और धैर्य की जरूरत है। पोषण संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

हाल ही में मां बनने की वजह से आप अपने बच्चे को स्तनपान कराती होंगी, हालांकि इससे आपकी पोषण संबंधी आवश्यकताएं नहीं बदलती लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

संतुलित आहार जारी रखें

आपकी दैनिक पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के अलावा संतुलित आहार आपके ऊर्जा भंडार को बनाए रखने के लिए जरुरी है जिसकी अब आपको और अधिक आवश्यकता होगी क्योंकि आपको बच्चे का ख्याल रखना है। विभिन्न फलों और सब्जियों के स्रोतों से कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन की अधिकतम मात्रा लेनी चाहिए।

विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां लें

फाइबर में अधिकता वाले खाद्य पदार्थ लेने से आपको पूरा पोषण मिलेगा और एक लंबे समय के लिए आप भरा महसूस करेंगी और भूख कम लगेगी।

क्रमिक ढंग से अतिरिक्त पाउंड घटाएं
तेजी से वजन कम होने से आपके शरीर की प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता है और आप अस्वस्थ हो सकती हैं। आपकी तंदुरुस्त स्थिति का सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ता है इसलिए फिटनेस को अपने और अपने बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक क्रमवार प्रक्रिया बनाएं। डायटिंग या सीमित मात्रा में भोजन लेने से बच्चे के लिए आपके शरीर के दुग्ध उत्पादन प्रभावित हो सकता है और इससे आप कुपोषित हो सकती हैं। कम वसा वाले उत्पादों जैसे टोंड दूध, दही और अन्य डेयरी उत्पादों को चुनें। अपने गर्भावस्था-पूर्व वजन को हासिल करने के लिए अपने आपको छह महीने से एक वर्ष का समय दें।

मछली सेवन का चुनाव या सीमित करें
कुछ मछलियों की किस्में विशेष रूप से समुद्री मछलियां जो कि आकार में बड़ी होती हैं जैसे स्वोर्डफ़िश, शार्क, ट्यूना और किंग मैकारेल से बचना चाहिए क्योंकि इनमें पारा (मर्करी) उच्च स्तर में पाया जाता है। ताजे पानी वाली मछलियों जैसे कटाला और रोहू को चुनें जो मध्यम आकार की होती हैं और पारा होने की संभावना कम होती है। मछलियों ओमेगा 3-वसा प्रचुर मात्रा में होती है जो भ्रूण के मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है।

शराब के सेवन से बचें
यदि आप स्तनपान कराती हैं, तो आपको शराब के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके स्तन के दूध पहुंच कर आपके बच्चे को परेशान या संभावित नुकसान पहुंचा सकता है। शराब एक दूध पिलाने वाली माता के उत्पादन को भी प्रभावित कर सकता है। शराब के स्तन के दूध पर प्रभावों पर कई परस्पर विरोधी अध्ययन हैं जो आपको उलझन में डाल सकते हैं लेकिन बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शराब से दूर रहना सुरक्षित होगा।

जंक या फास्ट फूड से बचें
गर्भावस्था के बाद भी, आपको अपने पोषण स्तर और स्वास्थ्य का खयाल रखने की जरूरत है इसलिए "वास्तविक" खाने को चुनें। आप सप्ताह में एक बार अपनी इच्छानुसार खा सकती हैं।

पानी का खूब सेवन करें
यदि आप स्तनपान कराती हैं तो निर्जलीकरण को दूर रखने के लिए पानी और अन्य स्वस्थ तरल पदार्थों का सेवन करना याद रखें।

मसालेदार खाना खाने से बचें
यह आपके स्तनपान करने वाले बच्चे को चिड़चिड़ा और भड़कीला बना सकता है। अधिक स्वादिष्ट और मसालेदार भोजन के उपभोग से आपके दूध की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है जिससे आपका बच्चे को गैस हो सकती है और वह चिचिड़ा हो सकता है। अपने खाने की तरफ ध्यान दें और देखें कि आपका दूध पीने वाल बच्चा कैसे प्रतिक्रिया करता है क्योंकि हो सकता है कुछ खाद्य पदार्थों का कारण उसे एलर्जी हो जाये या वे समय आपके बच्चे के लिए उपयुक्त नहीं हों।

दवाएं
स्‍तनपान कराने वाली माताओं को दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए। फिर भी, यदि आपको जरूरत महसूस हो तो अपने चिकित्सक से पहले परामर्श करें क्योंकि कुछ दवाईयां स्‍तनपान करने वाले बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।गर्भावस्‍था में आपको सेहतमंद रखने में मददगार है आहार मेनू

आमतौर पर डॉक्टर्स हर व्यक्ति को पौष्टिक आहार लेने की सलाह देते हैं। लेकिन जब बात हो गर्भावस्था की तो गर्भावस्था आहार में ऐसी चीजों को शामिल किया जाना चाहिए जिसमें पोषक तत्वों की भरमार हो।

इतना ही नहीं गर्भावस्था आहार में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, कैलोरी की मात्रा भी भरपूर मिली होनी चाहिए। आइए जानें गर्भावस्था‍ आहार में किन-किन चीजों को शामिल किया जा सकता है।

गर्भावस्था आहार मेनू

विटामिन से भरपूर
गर्भावस्‍था में आवश्‍यक विटामिन खासकर विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का गर्भावस्था के दौरान भरपूर सेवन किया जाना चाहिए। यानी गर्भवती महिला को प्रतिदिन खनिज, कैल्शियम और विटामिन की सही मात्रा अपने खाने में शामिल करनी चाहिए। इतना ही नहीं फोलिड एसिड भी बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आयरन युक्‍त आहार
लौह युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी गर्भावस्था के दौरान बहुत जरूरी है। ये न सिर्फ खून की कमी को दूर करता है बल्कि हडि्डयों को भी मजबूत करता है।

 वसायुक्‍त आहार   
गर्भावस्था में ऐसा भोजन करना चाहिए जो शरीर में वसा कोशिका को न बनने दे यानी मोटापा कम बढ़े। उबला हुआ भोजन खाना गर्भावस्था के समय सबसे बढि़या है। जंकफूड को बिल्कुल नजरअंदाज करना चाहिए।

 फोर्टिफायड फूड 
गर्भावस्था आहार में कम से कम नमक का इस्तेमाल करते हुए फोर्टिफायड फूड लेना चाहिए। गर्भवती महिला को गेहूं, ओट मिल और अनाज की ब्रेड का ही सेवन करना चाहिए।

पानी और फलों के रस का अधिक सेवन
पानी तो हमेशा से ही किफायती होता है। गर्भवती महिला को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। ताजा खाने के साथ-साथ ताजे फल, ताजा जूस और उबला हुआ दूध और उससे बने पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए।

साथ ही कुछ चीजें जैसे मांस, अंडा, मछली, नट्स, दूध, दही और पनीर, पालक, गाजर, आलू, मक्का, मटर, संतरे, तरबूज और जामुन, ब्रेड, अनाज, चावल का सेवन गर्भावस्था के दौरान अवश्य ही करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर के कुछ उपयोगी टिप्स जरूर ध्यान में रखने चाहिए। साथ ही डॉक्टर की सलाहानुसार अपने खान-पान में बदलाव करना चाहिए।गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी हैं आम, सेब और संतरे जैसे फल

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को संतुलित भोजन करने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान आप के आहार में विटामिन, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन इत्यादि की मात्रा भरपूर होनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान फल और उनका जूस लेने की खास सलाह दी जाती है, जिससे गर्भवती महिला को पोषण मिल सकें।

गर्भवती महिलाओं के लिए फलों को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, चाहे बात ताज़े फलों की हो या ड्राई फ्रूट्स की। फलों में भरपूर मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और आयरन होता है। मौसमी फल गर्भावस्था में बहुत अधिक फायदा करते हैं। आइए जानें गर्भवती महिलाओं के लिए फल कौन-कौन से खास उपयोगी हैं।

फलों के फायदे

कुछ गर्भवती महिलाएं फलों को खाने के बजाय जूस लेना अधिक पसंद करती हैं, हालांकि जूस भी बहुत फायदेमंद होता हैं, लेकिन आप फलों को बगैर रस निकाले खाएंगी तो आपको ये अधिक लाभ देंगे।

गर्भवती महिलाओं के लिए खुराक बढ़ाने का मतलब शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों को ज्यादा तथा इनके साथ टोटल कैलोरी की मात्रा को थोड़ा ही बढ़ाना चाहिए। बहुत से ऐसे फल हैं जो पौषक तत्वों की कमी को दूर करते हैं।

सन्तरा, आम जैसे मौसम के फलों में खनिज लवण या विटामिन होते हैं जो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को फिट रखते हैं और शरीर में खून की कमी को दूर करते हैं।

गर्भवती महिलाओं को आंखो के लिए 'विटामिन ए', बालों और दांतों और हडि्डयो के लिए कैल्शियम के अलावा 'विटामिन सी' की खास जरूरत होती हैं। ऐसे में उन्हें 'विटामिन ए' से भरपूर फल आम, गाजर और विटामिन सी के स्रोत वाले फल आंवला, अमरूद, सन्तरा इत्यादि को लेना चाहिए। 'विटामिन सी' वाले फलों को दिन में दो से तीन बार भी लिया जा सकता है।

गर्भवती महिलाएं फलों के साथ-साथ ताकत बढ़ाने और मस्तिष्‍क को तेज करने वाले ड्राई-फूट्स जैसे- बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट इत्‍यादि भी ले सकती हैं। ये शिशु के पूर्ण विकास के लिए भी बहुत महत्‍वूपर्ण होते हैं


कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर फल

गर्भावस्था के दौरान लिए जाने वाले फल जिनमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

सेब-क्लोरिन, तांबा, लोहा, मैगनीशियम, मॅन्गनीज तथा फोलिक ऐसिड सेब में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

संतरा-कैल्शियम, क्लोरिन, कॉपर, फ्लोरिन, लोहा, मॅन्गनीज, विटामिन बी1 और सी भरपूर है।

स्ट्रॉबेरी-इसमें कैलशियम, लोहा, फॉस्फोरस, विटामिन सी और फायबर है।

ख़रबूज़ा-विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स सही मात्रा में पाए जाते हैं।

तरबूज़-बहुत भारी मात्रा में खनिज पदार्थ, विटामिन और करीब नब्बे प्रतिशत पानी है।

आम-विटामिन ए, ई और सी, लोह से भरपूर है।

केला-पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए, बी1, बी1 और विटामिन सी होते हैं।

जामुन-आयरन, विटामिन सी और ए की प्रचुर मात्रा है।

रंग-बिरंगे फल और सब्जियां रखें गर्भावस्‍था में फिट

गर्भावस्‍था में महिला को अपने आहार का बहुत खयाल रखना चाहिये। इस दौरान आप जो भी आहार खाती हैं, उसका असर शिशु के विकास पर पड़ता है। इसलिए जंक फूड और अधिक तैलीय भोजन का सेवन इस दौरान न ही किया जाए तो बेहतर। गर्भावस्‍था में आपको अपने आहार में फलों और सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिये। ताजा फल और सब्जियां आपके और गर्भ में पल रहे आपके शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।

गहरे रंग के हों फल

आपको चाहिये गहरे रंग के फलों और सब्जियों का सेवन अधिक करें। ये फल पौष्टिक तत्‍वों से भरपूर होते हैं। इनमें मौजूद मिनरल मां और गर्भस्‍थ शिशु दोनों की सेहत का खयाल रखते हैं। इनसे आप कुदरत के स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक तोहफों का पूरा लाभ उठा सकती हैं। आपको अलग-अलग रंगों और प्रकार के फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिये। इस बात का भी खयाल रखें कि फल और सब्‍जी का रंग जितना गहरा होगा यह आपकी सेहत के लिए उतनी ही अधिक फायदेमंद होगी।

एंटी ऑक्‍सीडेंट्स से भरपूर

गहरे रंग के फल और सब्जियों में पोषक तत्‍वों की मात्रा तो भरपूर होती ही है, साथ ही इनमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्‍सीडेंट्स भी होते हैं। इसके साथ मेक्रो और माइक्रोन्‍यूट्रीएंट्स जैसे उपयोगी तत्‍व भी गहरे रंग के फलों और सब्जियों में पाये जाते हैं।

चलिये जानने की कोशिश करते हैं कि गर्भावस्‍था के दौरान आपको किन पांच फलों और सब्जियों का सेवन जरूर करना चाहिये।

हरी पत्‍तेदार सब्जियां

गर्भावस्‍था के दौरान आपको हरी पत्‍तेदार सब्जियों का सेवन जरूर करना चाहिये। पालक, मेथी और सरसों के साग जैसी पत्‍तेदार सब्जियों को अपने रोजमर्रा के आहार का हिस्‍सा बनाइये। ये आहार फोलेट, कैल्शियम, फाइबर और आयरन का उच्‍च स्रोत होते हैं। ये आहार गर्भ में पल रहे शिशु की भी कई संभावित बीमारियों से रक्षा करते हैं।

ब्रोकली

कैल्‍शियम और फोलेट से भरपूर होती है ब्रोकली। इसके साथ ही इसमें फाइबर और एंटी ऑक्‍सीडेंट्स भी अच्‍छी मात्रा में होते हैं। आयरन तथा अन्‍य माइक्रो न्‍यूट्रीएंट्स इसे किसी भी होने वाली मां के लिए यह आहार बहुत शानदार और उपयोगी है।

शकरकंद

शकरकंद में कई पौष्टिक तत्‍व होते हैं। विटामिन ए के साथ ही इसमें पोटेशियम और घुलनशील फाइबर भी अधिक मात्रा में होता है। पोटेशियम गर्भवती महिला को प्रसव के लिए बेहतर ढंग से तैयार करता है। वहीं गर्भावस्‍था में कब्‍ज जैसी समस्‍याओं को दूर रखने में मदद करता है। शकरकंद में विटामिन बी-6 भरपूर होता है।

टमाटर

सब सब्जियों में टमाटर से पसंदीदा और कुछ नहीं। आप इन्‍हें सलाद में खा सकती हैं या कच्‍चा। और तो और इन्‍हें हल्‍का सा फ्राई करके भी खाया जा सकता है। इनमें बहुत अधिक मात्रा में विटामिन सी और आयरन होता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटी-ऑक्‍सीडेंट्स गर्भावस्‍था के दौरान होने वाली कोशिकीय क्षति की भी भरपाई करते हैं।

हरी मटर

सब्जियों में प्रोटीन आमतौर पर कम होता है। लेकिन, हरी मटर में ये काफी अधिक मात्रा में होता है। प्रोटीन के साथ ही इनमें विटामिन के भी होता है जो हड्ड‍ियों की सेहत का खयाल रखता है। गर्भावस्‍था के दौरान पर्याप्‍त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करने से थकान नहीं होती और फाइबर कब्‍ज को दूर रखता है।

तो, गर्भावस्‍था में रखिये अपनी सेहत का खयाल और अपने आहार में इन रंग बिरंगे आहारों को शामिल कीजिये। ये आहार आपको फिट रखने मे मदद करेंगे और साथ ह आपके शिशु के स्‍वास्‍थ्‍य का भी खयाल रखेंगे।
वजन है कम तो गर्भावस्‍था में अपनाएं प्रोटीनयुक्‍त आहार

सामान्‍यतया गर्भावस्‍था के दौरान वजन बढ़ता है। गर्भावस्था के दौरान औसत वजन 8-15 किलोग्राम के बीच में बढ़ता है। यदि प्रेग्‍नेंसी के दौरान वजन कम है तो समय से पहले प्रसव और कम वजन का बच्‍चा होने की संभावना ज्‍यादा होती है। गर्भावस्‍था के दौरान 90 किग्रा से ज्‍यादा और 50 किग्रा से कम वजन नही होना चाहिए।

लेकिन प्रेग्‍नेंसी के दौरान वजन बढ़ाने के चक्‍कर में आप ऐसा न खायें जिससे आप और भ्रूण के लिए नुकसानदेह हो। ऐसे में वजन बढ़ाने के बजाय अच्छी तरह से खाने की तरफ ध्‍यान दीजिए। खाने में कार्बोहाइड्रेट, ताजे फल और हरी सब्जियां, प्रोटीन की उचित मात्रा, वसा और शर्करा की कम मात्रा का सेवन कीजिए। अंडरवेट महिलाओं को 28 से 40 पाउंड वजन बढ़ाना चाहिए।

न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड द्वारा किये गए एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि गर्भावस्था के दौरान ज्यादा भोजन करने के बजाए पौष्टिक भोजन करना जच्चा-बच्चा, दोनों के लिए वजन संतुलन में सहायक होता है। आप प्रेग्‍नेंट हैं और आपका वजन कम है तो वजन बढ़ाने में हम आपकी मदद करते हैं।

गर्भावस्‍था में वजन बढ़ाने वाले आहार

केला
गर्भावस्‍था के दौरान वजन बढ़ाने में केला बहुत मददगार साबित हो सकता है। केले में बहुत सारा पौष्टिक तत्‍व और आयरन होता है। प्रेगनेंसी के समय ब्रेकफास्‍ट के दौरान केला जरुर खाना चाहिये। केले में थाइमिन, रिबोफ्लेविन, नियासिन और फॉलिक एसिड के रूप में विटामिन ए और विटामिन बी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। इसके अलावा केला ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है।

ओटमील
ओटमील आराम से हजम होने वाला फूड है और साथ ही यह आयरन तथा अन्‍य मिनरल भी देता है। ओटमील को सूखा, दूधा, दही के साथ मिलाकर खाया जा सकता है।

ब्रॉकली
इसमें विटामिन, आयरन और फोलेट अधिक मात्रा में पाया जाता है। ब्रॉकली में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और जिंक होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करता है। ब्रोकोली को नियमित खाने से गर्भवती महिलाओं को मदद मिलती है।

अनार
अनार में ढेर सारा आयरन होता है जो गर्भावस्‍था के दौरान हीमोग्‍लोबिन की कमी नही होने देता। गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से अनार का जूस पीना चाहिए। यह ब्‍लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है।

अंडा
अंडे में विटामिन, मिनरल, फोलिक एसिड, कैल्सियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। लेकिन गर्भावस्‍था के दौरान कच्‍चे अंडे बिलकुल न खायें।

साबुत अनाज और दालें
गर्भावस्‍था के दौरन महिलाओं को वजन बढ़ाने के लिए साबुत अनाज और विभिन्‍न प्रकार की दालों का सेवन करना चाहिए। साबुत अनाज और दालों में फाइबर, विटामिन और मिनरल, आयरन आदि तत्‍व पाये जाते हैं।

गर्भावती महिलाओं को एक बार में ढेर सारा खाने से बचना चाहिए। 2-3 घंटे के अंतराल पर स्‍नैक्‍स लेते रहने से वजन बढ़ता है। गर्भावस्‍था के दौरान महिला का वजन एक साथ नही बढ़ना चाहिए, जबकि पहले ट्राइमेस्‍टर में वजन बिलकुल नही बढ़ना चाहिए, दूसरे ट्राइमेस्‍टर में 30 प्रतिशत और तीसरे ट्राइमेस्‍टर में 70 प्रतिशत वजन बढ़ना चाहिए। नियमित रूप से अपने वजन
की जांच करायें और हमेशा चिकित्‍सक के संपर्क में रहें।

गर्भावस्था में भरपूर पोषण के लिए लें हेल्दी स्नैक

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को तरह तरह की चीजें खाने का मन करता है लेकिन इस दौरान महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे जो भी खाएं उससे उन्हें भरपूर पोषण मिलें। गर्भवती महिलाओं के खाने के साथ उनका स्नैक्स भी हेल्थी होना चाहिए।

प्रेग्नेंसी स्नैक्स के नाम पर आपको तली भुनी चीजें नहीं खानी चाहिए। यह आप और आपके बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकती है। कई बार गर्भावस्था में खाने के अलावा कुछ हल्का फुल्का स्नैक्स खाने का मन करता है ऐसे में महिलाएं कुछ भी खा लेती हैं जो कि गलत है। महिलाओं को हेल्थी स्नैक्स के लिए स्वस्थ्य चीजों की इस्तेमाल करना चाहिए। आईए जानें गर्भवती महिलाएं स्नैक्स को हेल्थी कैसे बनाएं।

गर्भावस्‍था और हेल्‍दी स्‍नैक्‍स

प्रोटीन वाले बिस्कुट लें
गर्भावस्था में प्रोटीन और फाइबर आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए आप हेल्थी स्नैक्स में प्रोटीन व फाईबर वाले बिस्कुट ले सकती हैं।

चीज
अपने स्नैक्स को टेस्टी बनाने के लिए आप चीज का प्रयोग भी कर सकती हैं। बिस्‍कुट के साथ भी चीज का सेवन कर सकती है या ब्रेड पर भी चीज लगा कर खा सकती हैं। इससे आपको पोषण मिलेगा।

सैंडविच
अनाज से बने हुए ब्रेड का सैंडविच भी सेहत के लिए अच्छा है। ब्रेड पर चीज या सैंडविच स्प्रेड लगाकर उसमें खीरा, टमाटर आदि के साथ एक हेल्थी सैंडविच बना सकते हैं। यह आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा।

नट्स
गर्भावस्था में आपको बादाम, अखरोट, सूखे एप्रीकोट खाने की काफी इच्छा होती है। इसलिए आप इन्हें भी अपने स्नैक्स में शामिल कर सकते हैं। इससे आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहेंगा।

फ्रूट सलाद
गर्भावस्था में हेल्थी स्नैक्स के लिए फ्रूट सलाद का इस्तेमाल काफी सेहत भरा है। सभी फलों को अच्छे से धो कर काट लें और उससे अच्छे से प्लेट में सजाएं और उसमें अपने स्वादानुसार क्रीम या चीज डाल लें और आराम से इस हेल्थी स्नैंक्स का मजा लिजिए। लेकिन ध्यान रहें पपीता व अननास का प्रयोग नहीं करें।

ड्राई फ्रूट्स की खीर
प्रेग्नेंसी में दूध पीना काफी फायदेमंद है। दूध में कुछ ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम व किशमिश डालकर आप इसे और टेस्टी बना सकती हैं। इससे आपको कैल्शियम भी मिलता है।

हेल्थी शेक
गर्भवती महिलाएं अपने हिसाब से घर पर हेल्थी शेक बना सकती है। बस थोड़े से फल लें उसमें दूध व चीनी डालें और मिक्सर में उन्हें मिला लें। इसके बाद गिलास में निकाल कर उस पर ड्राई फ्रूट्स व आईसक्रीम से उसे सजा लें और इसे पीएं। यह टेस्टी होने के साथ-साथ हेल्थी भी है।


नोट:नाशपाती ,पपीता बेगन और अंगुर गर्भावस्था को हानि पहूंचा सकता है ।

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